हरिभाऊ आपटे का जन्म खानदेश में हुआ. पूना में पढ़ते समय इनके भावुक हृदय पर निबंधमालाकार चिपलूणकर और उग्र सुधारक आगरकर का अत्यधिक प्रभाव पड़ा. इसी अवस्था में इन्होंने कई अंग्रेजी कहानियों का मराठी में सरस अनुवाद किया. विद्यार्थी जीवन में ही इन्होंने संस्कृत के नाटकों का तथा स्कॉट, डिकसन्, थैकरे, रेनाल्ड्स इत्यादि के उपन्यासों का गहरा अध्ययन किया और लोकमंगल की दृष्टि से उपन्यास रचना की आकांक्षा इनमें अंकुरित हुई.
बी. ए. की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर इन्होंने 'करमणूक' नामक पत्रिका का संपादन करना आरंभ किया. यह कार्य ये अट्ठाईस वर्षों तक सफलता से करते रहे. इस पत्रिका में इनके लगभग इक्कीस उपन्यास प्रकाशित हुए जिनमें दस सामाजिक और ग्यारह ऐतिहासिक है. ऐतिहासिक उपन्यासों में चंद्रगुप्त, उष:काल, गड आला पण सिंह गेला और वज्राघात आपटे की उत्कृष्ट कृतियाँ है.